Saturday, October 28, 2017

CMK National PG Girls College International Seminar on Importance of Mother Tongue

 
CMK National PG Girls College International Seminar on Importance of Mother Tongue in learning and imparting education.
SIRSA NEWS 
28 October, 2017
Pictures and Videos: GS Mann, Amar Singh Jyani, Surender Sawant
Watch Video: CMK National PG Girls College International Seminar on Importance of Mother Tongue, held on 27th October.
The International Interdisciplinary Seminar was sponsored by DHE and was organized in collaboration with Vishva Hindi Sahitya Parishad, New Delhi.
Prof Vijay Kumar Kayat, Vice Chancellor CDLU was the chief guest at the Inaugural session, while Dr Munish Nagpal ADC Sirsa presided over the valedictory session. Harish Naval, Ashish Kandhave, Raj Heeramun, Writers and Poets of international fame addressed the seminar apart from many participating delegates. Dr Vijay Tomar and Sh. Arvind Bansal president SES along with other members of SES welcomed the chief guest.
सिरसा- मातृभाषा पर हुआ मंथन।
- सीएमके महिला महाविद्यालय में आयोजित हुआ सेमिनार।
-'राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय ज्ञानार्जन का सेतु- मातृभाषा' विषयक सेमिनार का आयोजन।
-ख्याति प्राप्त हिंदी विशेषज्ञ राज हीरामन (मॉरीशस), डॉ. आशीष कंधवे व डॉ. हरीश नवल हुए शामिल।
- सीडीएलयू के वीसी प्रो.विजय कायत ने किया शुभारंभ।
-सीएमके कॉलेज की प्राचार्य डॉ. विजया तोमर के संबोधन से हुआ सेमिनार का आगाज़।
- भारत ने माँ को माँ कहने में देर कर दी- राज हीरामन
-हिंदी और गांधी को निकाल दें तो भारत खाली।
-मॉरीशस ऐसा देश जो तीसरी बार विश्व हिंदी कॉन्फ्रेंस आयोजित कर रहा- हीरामन।
-सिरसा के सीएमके कन्या महाविद्यालय में आज एक अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। उच्चतर शिक्षा विभाग के महा निदेशक द्वारा प्रायोजित इस अंतरास्ट्रीय सेमीनार में देश विदेश से ख्याति प्राप्त हिंदी भाषा के विशेषज्ञ पहुंचे। राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय ज्ञानार्जन का सेतु- मातृभाषा' विषय पर आयोजित इस सेमीनार का शुभारंभ देवीलाल विवि  कुलपति प्रो विजय कायत ने किया। सेमिनार में मॉरीशस से आये ख्याति प्राप्त हिंदी विशेषज्ञ राज हीरामन (मॉरीशस) व डॉ. आशीष कंधवे व डॉ. हरीश नवल शामिल हुए।

Interview: Dr Vijaya Tomar सीएमके महाविद्यालय की प्रचार्या डॉ विजया तोमर ने बताया कि सेमीनार में देश विदेश से शोधकर्ता भाग ले रहे है।  उन्होंने कहा किसी भी विषय के बारे में ज्ञान वृद्धि के लिए शिक्षण संस्थाओं में राष्ट्रीय व अंतरास्ट्रीय सेमिनार होने जरूरी है। उन्होंने बताया कि इस बार उनके महाविद्यालय में अंतरिष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन किया जा रहा है जिसको लेकर प्राध्यपकों व विधार्थियों में उत्साह है।
सेमिनार के वक्ता मॉरीशस से आये ख्याति प्राप्त हिंदी विशेषज्ञ राज हीरामन ने कहा कि केवल मातृभाषा ही अपनी बात पहुंचाने के लिए एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने जापान व अन्य कई देशों का उदहारण देते हुए कहा कि आज ये देश अपनी मातृभाषा को प्रयोग करते हुए विकास के क्षेत्र में अग्रणी है। उन्होंने कहा कि भारत में इसकी शुरआत देरी से हुयी है। उन्होंने बताया कि मॉरीशस ऐसा देश जो तीसरी बार विश्व हिंदी कॉन्फ्रेंस आयोजित कर रहा है।
स्पीच -राज हिरामन (मॉरीशस)

Detailed: सी.एम.के.महाविद्यालय में राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय ज्ञानार्जन का सेतु: मातृभाषा पर अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन सिरसा। सी.एम.के. महाविद्यालय में उच्चतर शिक्षा विभाग पंचकूला द्वारा प्रायोजित एवम् विश्व हिन्दी साहित्य परिषद नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में हिन्दी विभाग द्वारा राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय ज्ञानार्जन का सेतु: मातृभाषा विषय पर एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह आयोजन कालेज प्राचार्या डा. विजया तोमर के कुशल दिशा-निर्देशन व हिन्दी विभाग की अध्यक्षा डा. कामना कौशिक के संयोजन से हुआ। महाविद्यालय सभागार में आयोजित इस अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह में चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर माननीय डा. विजय कायत ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की, जबकि समापन समारोह में अतिरिक्त उपायुक्त सिरसा डा. मुनीष नागपाल ने मुख्यातिथि के रुप में शिरकत की। समारोह में सिरसा एजुकेशन सोसाइटी के अध्यक्ष श्री अरङ्क्षवद बंसल, उपाध्यक्ष श्री भागीरथ गुप्ता, सचिव श्री नौरंग ङ्क्षसह एडवोकेट, मुख्य संरक्षक डा. आर.एस.सांगवान व श्री रमेश मेहता भी मौजूद रहे। समारोह का शुभारंभ मुख्यातिथि व अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन व पुष्पार्षण के साथ हुआ। मुख्यातिथि चौ.देवीलाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विजय कायत व अतिथिगण ने शोध संग्रह राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय ज्ञानार्जन का सेतु: मातृभाषा’  पुस्तक का विमोचन भी किया। इस अवसर पर कालेज प्राचार्या डा. विजया तोमर ने मुख्यातिथि सहित देश-विदेश से आए सभी विद्धान हस्तियों का स्वागत करते हुए कहा कि मुख्यातिथि महोदय, समस्त प्रबुद्धजन व शिक्षा जगत से जुड़ी तमाम हस्तियों का इस समारोह में शिरकत करना महाविद्यालय के लिए बहुत ही गर्व व हर्ष का विषय है। इस अवसर पर माननीय कुलपति प्रो. विजय कायत जी ने कालेज परिवार में पुन: आगमन पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा में अपने अभी तक के 10 महीनें के कार्यकाल के दौरान सी.एम.के. महाविद्यालय को सदैव समस्त शैक्षणिक व अन्य सांस्कृकि गतिविधियों में निरंतर उन्नति करते देखा है और इस प्रकार के वैचारिक विषयों पर राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियां आयोजित करना अपने आप में बहुत बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि हिन्दी अनेक भाषाओं का संगम है और देश-विदेश के परिपेक्ष्य में ज्ञान-विज्ञान, धर्म व मूल्य आदि को जोडऩे में वास्तव में एक सेतु का कार्य करती है। उद्घाटन स्तर के मुख्य वक्ता के रुप में मॉरीशस के लेखक व संपादक श्री राज हीरामन ने विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि भारत के अलावा हिन्दी भाषा में साहित्य रचना, लेखन व प्रकाशन अन्य देशों की तुलना में मारीशस में बहुत अधिक हो रहा है, क्योंकि हिन्दी अपने आप में एक संपूर्ण व विकास की भाषा है। भारत देश हिन्दी के बिना अधूरा है और वर्तमान समय में आवश्कता है कि नई पीढ़ी इस मातृभाषा को अपनाएं और आने वाले समय में इसका विकास करें। प्रथम तकनीकी सत्र में विषय विशेषज्ञ के रुप में विश्व हिन्दी साहित्य परिषद के चेयरमैन डा. आशीष कंधवे ने मातृभाषा के प्रति निष्ठावान होने की बात कही। साथ ही इसके सरंक्षण व संर्वधन के लिए युवाओं द्वारा अपनी कृति व  संस्कृति को जीवित रखने के लिए मातृभाषा को विकसित करने पर बल दिया। वहीं, अमेरिका संयोजक, अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी समिति नई दिल्ली डा. हरीश नवल ने विषय विशेषज्ञ के रुप में कहा कि विश्व पटल पर 176 देशों में हिन्दी भाषा पढ़ाई जाती है और अमेरिका सहित अन्य देशों में बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों से कितने ही शोधार्थी हिन्दी भाषा पर कार्य कर रहे हैं। अत: यह सत्य है कि मातृभाषा देश-विदेश के ज्ञानार्जन काएक सेतु है। इसके पश्चात शोधार्थियों ने प्रस्तुत विषय पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। समापन सत्र में बतौर मुख्यातिथि अतिरिक्त उपायुक्त सिरसा डा. मुनीष नागपाल ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान समय में उपभोक्तावाद व व्यवसायवाद बढ़ रहा है। ऐसे में यदि वास्तव में राष्ट्र का विकास करना है तो सभी क्षेत्रों में ज्ञानार्जन मातृभाषा में ही करना चाहिए। द्वितीय तकनीकी सत्र में सत्रोत वक्ता के रुप में वैश्य कालेज भिवानी के डा. विपिन गुप्ता ने कहा कि हमारी मातृभाषा हिन्दी है और इसमें भावों की प्रधानता है। अत: इसके अनुवादिक रुप को भी समझकर इसे ज्ञानार्जन का सेतु बनाने के लिए तकनीकी शब्दावली भी विकसित करनी होगी। सत्रोत वक्ता डा. हरीश अरोड़ा, पी.जी. डी.ए.वी. कालेज दिल्ली ने कहा कि केवल साहित्य रचना करने से संपूर्ण विश्व पर अपनी मातृभाषा की पहचान नहीं बन सकती। इसके लिए मातृभाषा को मौखिक से लिखित बनाना होगा और इससे सामूहिक संस्कृतिक निर्माण होगा। समापन सत्र में बैल्जियम गैंट विश्वविद्यालय वैस्टर्न यूरोप, भाषा एवम् संस्कृति विभागाध्यक्ष प्रो. रमेशचंद्र शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि यदि मातृभाषा को विश्व भाषा बनाना है तो उसे ङ्क्षचतन मूल्य व दर्शन की दृष्टि से समर्थ बनाना होगा। क्योंकि मातृभाषा संवेदना से जुड़ी है, परंतु ज्ञान, ङ्क्षचतन व दर्शन से। अत: राष्ट्र के पुन:निर्माण के लिए मातृभाषा को शक्तिशाली बनाना होगा। समारोह के अंत में महाविद्यालय प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष श्री भागीरथ गुप्ता व सचिव श्री नौरंग ङ्क्षसह एडवोकेट ने मुख्यातिथि सहित सभी विद्धानों व अतिथिगण का समारोह में पधारने पर आभार प्रकट किया। प्रबंधन समिति के सदस्यों व कालेज प्राचार्या डा. विजया तोमर ने अतिथिगण को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

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