After
days of hectic activities not just by Politicians but this time also by Farmer activists,
it’s all calm since the 27th evening.
Polling
Date 30th October, 2021
Voting
Time प्रात: सात
बजे से सांय छह बजे तक. -- 7AM to 6PM
जिला निर्वाचन अधिकारी अनीश यादव ने बताया कि
30 अक्टूबर को ऐलनाबाद विधानसभा उप चुनाव की
मतदान प्रक्रिया को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न करवाने के उद्देश्य से ऐलनाबाद
एरिया में 211 बूथ बनाए गए है, इनमें से 121 बूथ
संवेदनशील व अति संवेदनशील की श्रेणी में रखे गए है। मतदान प्रक्रिया निष्पक्ष व
शांतिपूर्ण सुनिश्चित करने के लिए सभी 211 बूथ पर वेब
कास्टिंग के जरिए लगातार निगरानी रखी जाएगी।
उन्होंने बताया कि इन बूथ पर लोकल पुलिस के
साथ-साथ पैरामिलिट्री के जवानों की तैनाती की जाएगी, ताकि मतदान
शांति पूर्ण तरीके से करवाया जा सके। इसके साथ साथ ज्यादा से ज्यादा मतदान के लिए
लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। महिला मतदाताओं की शत प्रतिशत भागीदारी
सुनिश्चित करने के लिए ऐलनाबाद शहर में पिंक बूथ भी बनाया गया है तथा इस पर सभी
महिला अधिकारी की ड्यूटी रहेगी। उन्होंने बताया कि पोलिंग पार्टी को भी ट्रेनिंग
हो गई है तथा कल फाइनल ट्रेनिंग के बाद पोलिंग बूथ के लिए सभी को रवाना कर दिया
जाएगा।
उन्होंने बताया कि हर 15 बूथ पर सैक्टर ऑफिसर की नियुक्ति की गई है, यदि कहीं भी कोई समस्या
आती है तो तुरंत प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच कर समाधान करवाएगी। पूरे क्षेत्र
में 52 नाके लगाए गए हैं। इसके
अलावा फ्लाइंग स्क्वायड की टीम की संख्या तीन से बढ़ा कर पांच कर दी गई है, ये टीमें किसी भी प्रकार
की शिकायत आने पर तुरंत मौके पर पहुंच कर समाधान करवाएगी। सभी संवेदनशील बूथ पर
पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है तथा माइक्रो ऑब्जर्वर की ड्यूटियां भी लगा दी
गई है।
Readiness for 3rd Wave of Covid 19 - Yogesh Khanna Pharmacy Officer Civil Hospital Sirsa
Yogesh Khanna, Pharmacy Officer, Civil Hospital said that 18 teams have been formed by the Health Department to collect RTPCR / Rapid Antigen for samples Covid 19 of children and also vaccinate teachers who have not been vaccinated yet in all government schools. Each team will take samples of about 100 children daily. After the completion of sampling in government schools, samples of children will be taken in private schools also. If any child is found corona infected, then he will be quarantined as per the rules and only after the treatment is complete, he will be able to come back to school.
https://www.youtube.com/watch?v=MfCa50WafbY Video Recorded at 2PM 31st July 2021 at NH9 Ghaggar Bridge (Khairekan)
Ghaggar River in spate again. 27000CuSec water expected at Ottu Wier. Beneficial to all irrigation canals and channels, flood or major breach in banks threat as of now is low. Few small breaches reportedly plugged by now by farmers in a village.
GS Mann; Ranjita Mehta (BJP) with Shamsher Singh Anchor
of Khabarfast About New Policy of Release of Tubewell Connections along with
Micro Irrigation Systems rider for areas where Water Table is deeper than 100
feet & all Dark Zones.
In this debate I have spoken in non-political terms and
also mentioned the need for GM crops for diversification, environmental impact, the role of NGT, environmental laws. Also mentioned Vision of Former PM Sh. Atal
Bihari Vajpayee. The impact of urban non-agriculture tube wells is significant
in groundwater depletion. The complications of micro-irrigation system their
initial cost and maintenance cost why they are not suitable for all kinds of
crops. A farmer called up in the show and said input subsidies are tilted to favour
the Industry more than the farmers. (Be it Fertilizer, Solar Systems or other
FARM MACHINES, EQUIPMENT etc.)
BJP Spokesperson Ms Ranjita Mehta and Shamsher Singh
(Khabarfast) agreed with several points.
CICR
Kisan Mela on Pink Ball Worm and other issues and challenges of Cotton Farming
was held on 27 March 2021 at CICR Regional Research Station Sirsa.
Apart
from Station Scientists, ICAR CICR Nagpur Director Dr YG Prasad also interacted
directly with Farmers and answered their queries via Video Conferencing, a
projector and audio system was installed at the venue itself in the open. Dr
Rishi Pareek, Dr Verma, Center Head Dr Tuteja, Former Head Dr Dilip Moga, and
other experts educated the farmers.
-विशाल किसान मेले का आयोजन
-केन्द्रीय कपास अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय कार्यालय में हुआ आयोजन
-कृषि वैज्ञानिकों ने फसलों में बीमारियों को लेकर किया
किसानों को जागरूक
-अंधाधुंध कीटनाशक के छिड़काव से भी बचने की अपील
-गुलाबी सुंडी से बचाव के लिए प्रमाणित बीज का प्रयोग करें
किसान
-क्रिसपर टैक्नोलाॅजी से भविष्य में कपास में आने वाली
अनेकों समस्याओं का होगा समाधान
-कपास के किसानों का वैबीनार से सीआईसीआर के नागपुर सेंटर के
हैड से हुआ
केन्द्रीय कपास अनुसंधान संस्थान के कोर्ट कालोनी स्थित क्षेत्रीय कार्यालय
में विशाल किसान मेले का आयोजन किया गया। इस मेले का आयोजन खेती की आधुनिक तकनीक, नरमा-कपास की फसलों की बीमारियों से बचाने,
प्रमाणित बीज इस्तेमाल करने सहित अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर
किसानों को जागरूक किया गया। इस मेले में सीआईसीआर के नागपुर सेंटर के हैड डा.
वाईजी प्रसाद से वैबीनार से किसानों का संपर्क करवाया गया। किसानों ने अपने विचार
वाईजी प्रसाद के समक्ष रखे। उन्होंने उनपर अपनी प्रतिक्रिया दी। किसानों के कई
सुझावों को उन्होंने रिकाॅर्ड में भी दर्ज किया ताकि सरकार के समक्ष उठाया जा सके।
दूसरे राज्यों से आने वाले बीजों अंकुरित करने सहित कई अन्य मुद्दे भी किसानों ने
उठाए। इस मेले में कृषि वैज्ञानिक दिलिप मोंगा ने भी किसानों को कई महत्वपूर्ण
जानकारी दीं जिनमें शाॅर्ट की समस्या के समाधान के लिए गोबर खाद के इस्तेमाल, बीज को गहराई में रोपने सहित अन्य विधियों के बारे में बताया गया।
कृषि वैज्ञानिक दिलिप मोंगा ने बताया कि गुलाबी सुंडी का प्रकोप हरियाणा व
पंजाब के कई गांवों में बढ़ा है। इससे बचाव का अभी कोई स्टीक इलाज नहीं है। किसान
यदि खेतों में बिजाई से पूर्व गोबर खाद का इस्तेमाल करें और बीज को गहराई तक रोपित
करें तो इस समस्या से काफी हद पर बचाव हो सकता है। इसके साथ उन्होंने कई ऐसी
किस्में भी किसानों को बताई जिनमें इस बीमारी का प्रकोप नहीं होता। इसके साथ
कीटनाशकों के सही इस्तेमाल, प्रमाणित बीज लेने सहित कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं।
उन्होंने कहा कि क्रिसपर टैक्नोलाॅजी के भी काफी फायदे सामने आ रहे हैं। इस तकनीक
से डीएनए जीन एडेटिंग विधि बहुत सारी समास्याओं आ समाधान करने में समक्ष है। इसलिए
कई देशों में इस तकनीक पर अनुसंधान चल रहा है।
बाईट-दिलिप मोंगा, कृषि वैज्ञानिक,
सिरसा
किसानों कृष्ण कुमार व रतिराम ने बताया कि इस तरह के मेलों से मिलने वाली
जानकारी किसानों के लिए लाभदायक सिद्ध होती है। किसानों को आधुनिक तकनीक, नवीनतम बीजों व खादे के बारे में सही जानकारी मिलती है। इसी के साथ मिट्टी व
पानी की जांच के लिए भी प्रेरित किया जाता है। कृषि वैज्ञानिकों की सलाह से खेतों
में फसल भी अच्छी हो रही है और किसानों को आर्थिक लाभ भी हो रहा है।
Gurjeet S. Mann, Advocate, Ex-President Electronic News Media Association SIRSA; S/o Late Sh. TS Mann [HPS-I Retd. Supdt. Jail] Photography; Video: Color/B&W, Film based Movie & Still photography, Video editing. Experienced in handling of professional & consumer video equipment, HD & DV-Cams, miniDV, SVHS, Hi8, VHS, Betamax, DSC etc. Life Member FIP. Journalism: Launched First online news for Sirsa in English www.SirsaNews.com in 2005, member HUJ SIRSA, voice reporting for KRPI Radio Canada. Music & Radio Anchor: Approved artist (1976) of AIR Rohtak for Spanish Guitar. Coordinated YUVA Sansar aired on AIR every Thursday in seventies decade Produced and released a short Video film on JESUS for Pilar Society GOA; Farming: doing conventional as well as modern farming. Contacts: Mbl: +91-9416046307 E-mail: sirsanews@gmail.com Website: www.SirsaNews.com Also watch https://www.youtube.com/user/sirsanews