Thursday, June 29, 2017

GST-3 Day Strike by Cloth Merchants of Sirsa against GST

GST: 3 Day Strike by Cloth Merchants of Sirsa against GST
SIRSA NEWS 
29 June, 2017
Pictures and Videos: GS Mann,Amar Singh Jyani, Vikram Bhatia, Happy Mukhtiar Singh, Vikas Taneja


Watch Video: 3 Day Strike by Cloth Merchants of Sirsa against GST June End 2017

GST: 3 day strike by Cloth Merchants of Sirsa against GST. This is coverage of 1st and 2nd day. Interviews Kedar Pahwa, Heera Lal Sharma and other Merchant Leaders. Visuals of the Protest.

जीएसटी के विरोध को लेकर कपड़ा व्यापारी लामबंद।
-भगत सिंह चौक में किया रोष प्रदर्शन।
-रोषस्वरूप आज से तीन दिन बंन्द रहेंगी कपडे की दुकानें ।
- दि रिटेल क्लॉथ एसोसिएशन के बैनर तले किया रोष प्रदर्शन।
-कपड़े पर जीएसटी को वापिस लिए जाने की उठाई माँग।

जीएसटी को लेकर व्यापारियों का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। आज कपड़ा व्यापारियों ने भगत सिंह चौक पर रोष प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। आंदोलन के तहत कपड़ा व्यापरी तीन दिन तक अपने प्रतिष्ठान बंद रखेंगे और सरकार से कपड़ों को जीएसटी के दायरे से बाहर  रखने की मांग करेंगे।  दि रिटेल क्लॉथ एसोसिएशन के बैनर तले किये गए इस प्रदर्शन में व्यापारियों ने एक सुर में मांग उठाई कि जीएसटी, कपड़ा व्यापारियों पर नहीं लगना चाहिए। आज़ादी के बाद से आज तक कपड़ों पर जीएसटी नहीं लगा है। ऐसे में सरकार अब कपड़ा व्यवसाय को करों की श्रेणी में लाकर सीधे सीधे  आम जनता और छोटे दुकानदारों पर कुठाराघात कर रही है। 

हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय प्रवक्ता हीरा लाल शर्मा ने कहा कि यह आंदोलन शुरू हो गया है। आगे भी जारी रहेगा।  तीन दिन तक कपड़ा व्यवसायी अपने प्रतिष्ठान बंद रख कर रोष जताएंगे। 

Interview : हीरा लाल शर्मा , व्यपारी नेता।   

2nd Day:
जीएसटी के विरोध को लेकर दूसरे दिन भी प्रदर्शन जारी।
-
भगत सिंह चौक में किया रोष प्रदर्शन।
-
रोषस्वरूप आज भी बंन्द रही कपडे की दुकानें ।
-
दि रिटेल क्लॉथ एसोसिएशन के बैनर तले किया रोष प्रदर्शन।
-
कपड़े पर जीएसटी को वापिस लिए जाने की उठाई माँग।
जीएसटी को लेकर व्यापारियों का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। आज रोष प्रदर्शन के दूसरे दिन भी  कपड़ा व्यापारियों ने भगत सिंह चौक पर रोष प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। आंदोलन के तहत कपड़ा व्यापरीयों ने आज भी अपने प्रतिष्ठान बंद रखे।व्यापारियों ने सरकार से मांग की कि कपड़ों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाये। दि रिटेल क्लॉथ एसोसिएशन के बैनर तले किये गए इस प्रदर्शन में व्यापारियों ने एक सुर में मांग उठाई कि जीएसटी, कपड़ा व्यापारियों पर नहीं लगना चाहिए। आज़ादी के बाद से आज तक कपड़ों पर जीएसटी नहीं लगा है। ऐसे में सरकार अब कपड़ा व्यवसाय को करों की श्रेणी में लाकर सीधे सीधे  आम जनता और छोटे दुकानदारों पर कुठाराघात कर रही है। 
कपडा व्यापारियों ने कहा कि यह आंदोलन शुरू हो गया है। आगे भी जारी रहेगा।  तीन दिन तक कपड़ा व्यवसायी अपने प्रतिष्ठान बंद रख कर रोष जताएंगे। उन्होंने बताया कि अगर सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी ,तो आंदोलन और तेज शुरू किया जायेगा। 
Interview: केदार पाहवा , कपड़ा व्यापारी। 
Interview: गंगा राम , कपड़ा व्यापारी।  

Also Watch: Glimpses of GST Discussion convened by Dainik Jagran at Tanishq Sirsa

Details of above NEWS by Dainik Jagran:

जीएसटी। वह नाम जो कई दिनों से व्यापारियों की नींद में खलल डाले हुए हैं। वहीं इसके बारे में समझाने के लिए आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारी दिन-रात लगे हुए हैं। व्यापारियों की इसी समस्या को देखते हुए मंगलवार को दैनिक जागरण की ओर से तनिष्क ज्वैलरी शोरूम के बेसमेंट में सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें अधिकारियों ने दावा किया कि छह महीने में जीएसटी व्यापारियों को अच्छा लगने लगा। यह व्यापारियों से पूछकर ही तैयार की गई प्रणाली है, जिसके लागू होने से व्यापारियों की कई समस्याओं का समाधान होगा।
सेमिनार के दौरान जीएसटी पर व्यापारियों ने अधिकारियों से कई सवाल पूछकर अपनी जिज्ञासा शांत की। सेमिनार का निष्कर्ष यह निकला कि इससे पहले व्यापारियों को जीएसटी के संबंध में कई भ्रांतियां थी, जिनका समाधान हुआ।
जीएसटी से आएगी पारदर्शिता : डीईटीसी
सेमीनार में डीईटीसी र¨वद्र ¨सह ने कहा कि पहले के सेंट्रल एक्साइज व वैट टैक्स की खामियों को दूर कर जीएसटी लाया गया है। इससे सिस्टम में पारदर्शिता आएगी। गुड्स एक्ट को खत्म कर गुड्स व सप्लाई सर्विस मिलाकर जीएसटी बनाया गया है। यह पूरी तरह आइटी बेस्ड प्रणाली है। सारा कामकाज आनलाइन होगा। इसलिए व्यापारियों को किसी भी तरह से डरने की जरूरत नहीं है। जीएसटी प्रणाली बहुत ही सरल है। छह महीने में ही इसे समझने के बाद व्यापारियों को यह अच्छा लगने लगेगा।
व्यापारियों के टैक्स से ही सरकार चलती है
डीईटीसी ने कहा कि व्यापारियों के टैक्स से ही सरकार चलती है। इसलिए ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि जीएसटी से व्यापारियों की परेशानी बढ़ जाएगी। बल्कि जीएसटी में तो जिस स्टेज पर शिकायत आएगी, उसका उसी स्टेज पर तुरंत समाधान किया जाएगा। छोटी-छोटी बातों के लिए भी व्यापारियों को कार्यालय से नोटिस नहीं भेजा जाएगा बल्कि व्यापारी खुद ही ऑनलाइन अपनी सारी जानकारी देख सकेंगे।
व्यापारियों पर थोंपा गया है जीएसटी : शर्मा
सेमिनार में व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष हीरालाल शर्मा ने शिकायत करते हुए कहा कि जीएसटी व्यापारियों पर थौपा गया है। इसके लिए व्यापारियों से कोई सहमति नहीं ली गई। जीएसटी के बारे में 80 फीसद व्यापारियों को तो कोई जानकारी ही नहीं है। इस पर डीईटीसी ने कहा कि ऐसा नहीं है कि किसी की सहमति नहीं ली गई है। अनेक व्यापारियों से इस बारे में सरकार की बातचीत हुई है। 2006 से प्रक्रिया शुरु हुई थी और 2016 में जाकर जीएसटी की प्रक्रिया खत्म हुई है। दस साल के दौरान कई संशोधन किए गए हैं।
10-12 बड़े औद्योगिक घरानों से ही सरकार ने की बात : गुप्ता
गारमेंट्स व्यापारी किशनलाल गुप्ता ने कहा कि जीएसटी तैयार करते समय सरकार ने सिर्फ 10-12 बड़े औद्योगिक घरानों से ही बातचीत की है। उन्होंने सरकार की हां में हां मिलाकर अन्य व्यापारियों को परेशानी में डाल दिया है।
अब साल के 37 रिटर्न भरने होंगे : बजाज
कैमिस्ट एसोसिएशन के जिला प्रधान मदन बजाज ने प्रमुखता से अपनी बात रखते हुए कहा कि जीएसटी लागू होते ही व्यापारी को साल में 37 रिटर्न भरनी होगी। बार-बार वकील को फीस देनी पड़ेगी। जिससे उनका खर्च बढ़ जाएगा। इस पर डीईटीसी ने जवाब दिया कि हर महीने 20 तारीख को एक ही रिटर्न भरनी है। जिसमें सारी जानकारी देनी होगी। इस रिटर्न को भी ठीक करने के लिए 17 बार मौका दिया जाएगा।
सोशल मीडिया पर झूठी जानकारी से बचें : गोयल
सेमिनार में शहर के वरिष्ठ आयकर अधिवक्ता रमेश गोयल ने कहा कि सोशल मीडिया पर जीएसटी को लेकर काफी झूठी अफवाहें फैलाई जा रही हैं। इन अफवाहों से बचने की जरूरत है। जीएसटी के दौरान एक रिटेलर होलसेलर को डिटेल देगा और होलसेलर डिस्ट्रीब्यूटर को। यह प्रक्रिया तो पहले भी चलती थी। देश की सब विधानसभाओं में जीएसटी पास हुआ है। इसलिए यह बड़ी सोच-समझ कर तैयार की गई कर प्रणाली है। इसको व्यापारी भी समझें।
एक हजार ट्रेंड अकाउंटेंट चाहिए : कक्कड़
सेमिनार में व्यापार मंडल के वरिष्ठ पदाधिकारी रामनारायण कक्कड़ ने कहा कि जीएसटी के तहत बनाई प्रक्रिया को चलाने के लिए शहर में कम से कम एक हजार ट्रेंड अकाउंटेंट चाहिए जबकि इनकी संख्या फिलहाल 100 भी नहीं है। ऐसे में गलतियां होगी और बार-बार जुर्माना भरना पड़ेगा। इस पर डीईटीसी ने कहा कि कुछ समय तक दिक्कत हो सकती है, लेकिन बाद में सब समझ आने लगेगा और व्यापारी भी इसे ठीक बताएगा।
कम पढ़े-लिखे व्यापारियों को दिक्कत आएगी : कनोडिया
व्यापारी अंजनी कनोडिया ने कहा कि कम पढ़े-लिखे व्यापारियों को जीएसटी से दिक्कत आएगी। 80 फीसद व्यापारियों के पास तो कंप्यूटर ही नहीं है। व्यापारियों को पुराना स्टॉक खत्म करने के लिए दो महीने का समय देना चाहिए ताकि उन पर बोझ न पड़े। इस पर डीईटीसी ने जवाब दिया कि अगर ऐसा कोई सुझाव सरकार के पास भेजना है तो व्यापारी एसोसिएशन उन्हें ज्ञापन दे दे, वो सरकार तक पहुंचा देंगे।
दैनिक जागरण का जताया आभार
सेमीनार के दौरान डीईटीसी र¨वद्र ¨सह, व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष हीरालाल शर्मा, कैमिस्ट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष मदन बजाज, व्यापारी सुरेश कुमार ने जीएसटी पर सेमीनार का आयोजन करने के लिए दैनिक जागरण का आभार जताया। व्यापारी नेताओं ने कहा कि इस सेमीनार से पहले व्यापारियों में जीएसटी को लेकर काफी उलझनें थी, अधिकारियों के जवाब से उन्हें कुछ जानकारियां मिली है। इसलिए यह सेमीनार काफी लाभदायक सिद्ध हुआ है। भविष्य में और बड़े स्तर पर ऐसा आयोजन होना चाहिए, जिसमें जिले भर से व्यापारियों को शामिल करना चाहिए।
ये भी रहे उपस्थित
सेमिनार के दौरान तनिष्क के संचालक प्रदीप लोहिया, ईटीओ सुरेंद्र गोदारा, ईटीओ प्रताप ¨सह, डीटीआइ मनोज कुमार, वरिष्ठ व्यापारी मास्टर रोशनलाल गोयल, देवेंद्र सोनी, विजय कक्कड़, परमानंद, वेदभूषण गर्ग, रामकिशन गोयल, नकुल मोहंता, सुरेश गोयल, बलदेव ¨सगला, विजय जैन, सुरेंद्र आर्य, सेल टैक्स बार एसोसिएशन के सचिव रोहित बंसल, दवा विक्रेता संदीप सिढाना, ज्वैलरी व्यापारी ¨प्रस सोनी व कपिल सोनी, इलैक्ट्रोनिक्स व्यापारी सतपाल सेठी, कालुराम शर्मा आदि व्यापारी उपस्थित थे

No comments: