JCDV Annual Athletic meet closing ceremony by International Wrestler Babita Phogat.
SIRSA NEWS
10 March,
2017
Pictures and Videos: GS
Mann
Watch Video: JCDV
Annual Atheltic Meet Closing ceremony by International Wrestler Babita Phogat. Mr
Digvijay Chautala and Ms Babita Phogat, declared the 2 days Annual Athletic
Meet of JCDV closed. The Sports that started in morning of March 9th, 2017, continued till evening of 10th March 2017.
Babita Kumari Phogat famous
Indian female wrestler, won the gold medal in 2014 Commonwealth Games. She also
won a silver medal at the 2010 Commonwealth Games and a bronze medal at the
2012 World Wrestling Championships.
Hindi: फिल्म दंगल
फेम रेसलर बबिता फौगाट ने उठाये प्रदेश सरकार की खेल नीति पर सवाल।
-सिरसा जेसीडी विद्यापीठ में आयोजित कार्यक्रम
में भाग लेने पहुंची बबिता।
-पत्रकारों से बातचीत में सरकार की खेल नीति
पर जताई नाखुशी।
-सरकार "पिक एंड चूज" की नीति से
बचे।
- ईनामी राशी को तरस रहे हैं खिलाड़ी।
-कई सालों से नहीं मिली ईनाम की रकम।
-प्रदेश में खेल सुविधाओं की कमी से आगे नहीं
आ पा रहे अच्छे खिलाड़ी।
-बोली बबिता, ग्रामीण क्षेत्रों में खेल सुविधाएं मुहैया
करवाने की जरुरत।
- "दंगल"
फिल्म फेम बबिता ने कहा, अकादमी के जरिये
लड़कियों को कुश्ती के सिखाएँगी गुर।
-प्रदेश सरकार मदद करे तो करेंगे स्वागत।
अंतर्राष्ट्रीय रेसलर एवं फिल्म दंगल फेम
बबीता फौगाट ने हरियाणा सरकार की खेल नीति पर सवाल उठाए हैं। फौगाट ने भीम
पुरस्कारों और ईनामी राशि मिलने में हो रही देरी को लेकर नाखुशी जाहिर की।
उन्होंने कहा कि सरकार की खेल नीति पिक एंड चूज की नीति पर आधारित नहीं होनी
चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में खेल सुविधाएं बढ़ाने की ओर सरकार ध्यान दे तो
निश्चित रूप से बेहतरीन खिलाड़ी तैयार हो सकेंगे। सिरसा की जेसीडी विद्यापीठ में
एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंची बबीता फौगाट ने कहा कि फिल्मों के ऑफर तो कई आए
हैं, लेकिन उनका
इरादा रैस्लिंग के क्षेत्र में बेहतरीन काम करके दिखाना है।
बाकायदा इसके लिए उन्होंने अपनी अकादमी भी
शुरू करनी है। बबीता फौगाट ने कहा कि प्रदेश सरकार की खेल नीति तब बढिय़ा होगी जब
खिलाडिय़ों को पूरी सुविधाएं मिल सकें। अब तक स्टेडियमों में खेल सुविधाओं का अभाव
है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में खिलाडिय़ों को परेशानी उठानी पड़ती है। भीम
पुरस्कारों और साक्षी मलिक द्वारा उठाए गए सवाल पर उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से
प्रदेश के खिलाडिय़ों को ईनामी राशि मिलने में कई कई बरस लग जाते हैं। प्रोत्साहन
राशि और ईनामी राशि अगर समय पर मिलती रहेगी तो उससे खिलाडिय़ों की प्रफोरमैंस में
सुधार होगा। हालांकि भीम पुरस्कार और दूसरे पुरस्कार चार-चार सालों के एक साथ मिले
हैं। अगर प्रतिवर्ष ऐसे पुरस्कारों का आयोजन किया जाता रहे तो निश्चित रूप से
खिलाडिय़ों को प्रोत्साहन मिलेगा।
Interview-बबीता फौगाट, अंतर्राष्ट्रीय
रेसलर।
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