SIRSA NEWS
25 October, 2016
Pictures
and Videos: GS Mann, Amar Singh
Watch Video: Farmers of Sirsa Protest against Ban on Stubble Burning.
Thousands of farmers assembled today in Devi Lal Park on bypass
Road, held lectures and discussions against clamping of Ban orders for burning
Rice stubble after harvesting. The farmers prepared a memorandum on the spot
and then marched towards Mini Secretariat complex to hand over this memorandum
to DC Sirsa for Haryana Govt to give immediate respite from this burning
problem. Fearing the great number of farmer’s assembly, administration locked
the entry gates of mini secretariat complex from all sides and deployed heavy
police force to contain any possible unrest. When farmers demanded that DC
Sirsa be present here to receive the memorandum, they were told that she is not
in Sirsa. DDPO Sirsa, Mr. Preetpal Singh appeared after some time to pacify the
farmers and receive the memorandum, the farmers got angry on this and said that
"we are not here to harm anyone but we want that at least DC or ADC should
receive the memorandum." After a lot of wait ADC Mr. Ajay Kumar Tomar IAS
arrived at the gate and addressed the farmers, keenly listened to their
questions, but expressed his helplessness for any quick remedy at this moment
but assured that he is going to see the Chief Secretary to CM Haryana in
Bhiwani and there he will handover the memorandum and pursue for a viable and
timely intervention.
Farmers on the other hand said if nothing is done then
the oncoming DIWALI will be a Black Diwali in letter and Spirit. At this point
the farmers postponed further action and Dharna.
In this Video: Interviews of Kisan Leaders:- Swarn Singh Virk, Vikal
Pachar. On Location voice-video of Ajay Singh Tomar IAS ADC Sirsa. Visuals of Dharna,
Protest, March to Mini Secretariat etc.
Hindi: - काली दिवाली मनाएंगे धरतीपुत्र।
- दिवाली को पराली जलाकर रोष जताने का निर्णय।
-पराली जलाने पर रोक के आदेश के खिलाफ किसानों का जोरदार प्रदर्शन।
-देवीलाल पार्क में एकत्रित होकर जताया रोष।
-सरकार के खिलाफ की नारेबाजी।
-किसान संघर्ष समिति के बैनर तले किया प्रदर्शन।
-सैंकड़ो की संख्या में जिलाभर से किसानों ने प्रदर्शन में लिया भाग।
-प्रदर्शनकारी किसान पहुंचे लघु सचिवालय।
-लघु सचिवालय का किया घेराव।
-डीसी या एडीसी को धरनास्थल पर बुलाने पर अड़े किसान।
-तहसीलदार को ज्ञापन सौंपने से किया इन्कार।
पराली जलाने पर प्रतिबंध का मामला
तूल पकड़ता जा रहा है। आज जिलाभर के सैंकड़ो
किसानों ने बरनाला रोड स्थित देवीलाल पार्क में महापंचायत की। किसानों ने सरकार
के खिलाफ नारेबाजी की। विभिन्न किसान संगठनों ने संयुक्त रूप से काली दिवाली मनाने
का निर्णय लिया। साथ ही दिवाली के दिन पराली जलाने की घोषणा की। बरनाला रोड पर रोष
मार्च निकालते हुए किसान लघु सचिवालय पहुंचे। आक्रोशित किसानों ने लघु सचिवालय का घेराव
किया। मौके पर ज्ञापन देने के लिए किसान डीसी या एडीसी को बुलाने की मांग करते रहे।
डीडीपीओ भी किसानों से ज्ञापन लेने पहुंचे लेकिन किसानों ने उन्हें ज्ञापन देने से
इंकार कर दिया। बाद में एडीसी अजय तोमर किसानों से मिले और उनकी समस्या को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। किसानों के
प्रदर्शन के दृष्टिगत भारी पुलिस बल लघु सचिवालय में तैनात किया गया था। इससे पहले किसानों ने पराली न जलाने देने के सरकारी आदेशों के खिलाफ जमकर
नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी किसानों ने सरकार की नीतियों को किसानों को उजाडऩे वाली
करार दिया। सरकार व प्रशासन पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माना लगा रहा है और उन्हें
सजा देने की बात कर रहे हैं इसे किसान कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।
किसान स्वर्ण सिंह विर्क और विकल पचार ने बताया कि सिरसा का अधिकतर रकबा धान का है। पर्यावरण
की सुरक्षा को लेकर इस बार प्रशासन की ओर से आदेश पारित किए गए हैं कि जो भी किसान
धान की पराली को जलाएगा, उसपर जुर्माना किया जाएगा। कई किसानों पर
प्रशासन द्वारा पराली जलाए जाने पर जुर्माना भी किया गया है, जिससे किसान वर्ग में रोष है। किसानों का कहना है कि पराली न जलाने से जहां उनकी
गेहूं की बिजाई लेट होगी, वहीं प्रति एकड़ हजारों रुपए का खर्च भी उन्हें
वहन करना पड़ेगा।
अतिरिक्त उपायुक्त अजय
सिंह तोमर ने लघु सचिवालय में धरनारत किसानों को आश्वासन दिया कि सरकार तक उनकी मांगों
को पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हरियाणा के प्रिंसीपल सैक्रेटरी के
साथ बुधवार को उनकी मीटिंग है। इसी मीटिंग में किसानों का मांगपत्र उन्हें सौंपकर उचित
कार्रवाई करने की मांग करेंगे। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर
सकारात्मक कार्रवाई की जाएगी और किसी भी किसान के साथ ज्यादती नहीं की जाएगी।
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